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लालच बुरी बला हैं - 57

एक बार एक भला इन्सान बहुत जल्दी जीवन में आगे बढना चाहता था । इस लिए सही-ग़लत का विचार न करते हुए । अपने गधे को बादाम खिला रहा था। तभी एक...


एक बार एक भला इन्सान बहुत जल्दी जीवन में आगे बढना चाहता था । इस लिए सही-ग़लत का विचार न करते हुए । अपने गधे को बादाम खिला रहा था। तभी एक सज्जन वहाँ से अपने कुत्ते के साथ जा रहा था । तो उसने उस इन्सान को देखा तो उसे कुछ हैरानी सी हुई । 

तो वह अपने आप को रोक न पाया और उस इन्सान से पुछने के लिए आगे बढ़ा । वहाँ पहुँच कर उसने पूछा :- कि आप गधे को बादाम क्यों खिला रहे है । तो उसने कहा इस लिए कि गधा घोड़े की तरह तेज़ भागे । 
यह सुन कर दुसरे इन्सान को बहुत अजीव लगा तो उसने उसी के सामने , झट से अपने कुत्ते को गधे का खाना खिलाना चालू किया । तो पहले इन्सान ने कहा -कि यह क्या कर रहे हो ? तो उसने कहा कि मैं कुत्ते को गधा बना रहा हूँ तो बस इतना सुनना था कि बोला कुत्ता गधे का काम कैसे कर सकता है। दुसरा इन्सान मुस्कुराया और बोला अगर कुत्ता गधा नहीं बन सकता तो गधा घोड़ा कैसे बन सकता है।
वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे .. इन्सान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे ,
कल क्या होगा , कभी मत सोचो । क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर बदल दे ।
एक बार एक दुखी और गरीब भिखारी था । वह रोज जय माँ लक्षमी जय करता रहता । और धन पाने के लिए प्रार्थना करता रहता । एक दिन माता ने प्रसन हो कर कहा - बताओ तुम्हें क्या चाहिए ?
भिखारी ने लक्षमी जी से सोने की मोहरे माँग ली । माता लक्ष्मी जी ने कहा - ठीक है मैं तुम्हें सोने की मोहरे तो दूँगी - लेकिन एक शर्त पर ? जो मोहरे जमीन पर गिर जाएंगी वह मिटी बन जाएंगी , भिखारी ने कहा ठीक है जी । भिखारी ने अपनी फटी पुरानी झोली मत लक्ष्मी जी के आगे फैला  दी । माता लक्ष्मी जी ने कुछ मोहरे भिखारी की झोली में डाल दी और पूछा अब खुश हो ?भिखारी ने कहा नहीं माँ - कुछ और मोहरे दे दो । माता जी ने काफी सारी मोहरे उसकी झोली में डाल दी लेकिन लालच में आकर और दीजिए और दीजिये करता रहा , इतने में उसकी फटी पुरानी झोली सारी फट गई और सारी मोहरे नीचे गिर कर मिट्टी बन गई । वह हैरान रह गया कि यह क्या हो गया वह कुछ बोलने ही वाला था कि माता लक्ष्मी वहा से अदृश्य हो गई थी । भिखारी बहुत पछताया कि मैंने लालच में आकर यह क्या किया । लालच इंसान को अंधा बना देता है । भगवान सब को देता है । इंसान कमाता है तब भी उसका पेट नहीं भरता । पक्षी कमाते नहीं लेकिन वह कभी भूखे मरते नहीं , इस लिए लालच मत करो , जो है उसमे खुश रहो ,। जिस परमात्मा ने  हमे इस धरती पर भेजा है तो  उसने हमारे लिए कुछ न कुछ सोचा ही होगा , 

कहने का मतलब ज़रूरत से ज़्यादा लालच हमारी सोचने की शक्ति को ख़त्म कर देता है वही हमें हम से दूर ले जाता है। हमे अधिक लोभ नहीं करना चाहिए । 

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