एक पाँच छ: साल का मासूम सा बच्चा अपनी छोटी बहन को लेकर गुरुद्वारे के एक तरफ कोने में बैठा हाथ जोडकर भगवान से न जाने क्या मांग रहा था । कपड़े...
क्या मांगा भगवान से -उसने कहा : -मेरे पापा मर गए हैं उनके लिए स्वर्ग, मेरी माँ रोती रहती है उनके लिए सब्र, मेरी बहन माँ से कपडे सामान मांगती है उसके लिए पैसे"..... चाहिए
आदमी में कहा "तुम स्कूल जाते हो..? अजनबी का सवाल स्वाभाविक सा सवाल था । हां जाता हूं, उसने कहा ।
किस क्लास में पढ़ते हो ? अजनबी ने पूछा
नहीं अंकल पढ़ने नहीं जाता, मां चने बना देती है वह स्कूल के बच्चों को बेचता हूँ । बहुत सारे बच्चे मुझसे चने खरीदते हैं, हमारा यही काम धंधा है । बच्चे का एक एक शब्द मेरी रूह में उतर रहा था ।तुम्हारा कोई रिश्तेदार न चाहते हुए भी अजनबी बच्चे से पूछ बैठा । पता नहीं, माँ कहती है गरीब का कोई रिश्तेदार नहीं होता,
माँ झूठ नहीं बोलती, पर अंकल-मुझे लगता है मेरी माँ कभी कभी झूठ बोलती है, जब हम खाना खाते हैं हमें देखती रहती है । जब कहता हूँ -माँ तुम भी खाओ, तो कहती है मैने खा लिया था, उस समय लगता है झूठ बोलती है ।बेटा अगर तुम्हारे घर का खर्च मिल जाय तो पढाई करोगे ? बिल्कुलु नहीं क्यों पढ़ाई करने वाले, गरीबों से नफरत करते हैं अंकल, हमें किसी पढ़े हुए ने कभी नहीं पूछा - पास से गुजर जाते हैं .अजनबी हैरान भी था और शर्मिंदा भी ।फिर उसने कहा -"हर दिन इसी इस गुरुद्वारेमें आता हूँ,
कभी किसी ने नहीं पूछा - यहाँ सब आने वाले मेरे पिताजी को जानते थे - मगर हमें कोई नहीं जानता ।बच्चा जोर-जोर से रोने लगा - अंकल जब बाप मर जाता है तो सब अजनबी क्यों हो जाते हैं ? मेरे पास इसका कोई जवाब नही था...ऐसे कितने मासूम होंगे जो हसरतों से घायल हैं ।बस एक कोशिश कीजिये और अपने आसपास ऐसे ज़रूरतमंद यतीमों, बेसहाराओ को ढूंढिये और उनकी मदद किजिए -
गुरुद्वारे मे सीमेंट या अन्न की बोरी देने से पहले अपने आस - पास किसी गरीब को देख लेना शायद उसको आटे की बोरी की ज्यादा जरुरत हो । कहीं एसे बच्चो को अपना भगवान मील जाए ।कुछ समय के लिए एक गरीब बेसहारा की आँख मे आँख डालकर देखे, आपको क्या महसूस होता है ।
❤️❤️ Very nice story ❤️❤️
ReplyDeleteThank you so much 🙏🏻❤️🙏🏻
DeleteThank you soooo much 🙏🏻💖🙏🏻
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