आज मैं आप लोगो को एक ऐसे कहानी बता रहा हूँ जिसको सुनकर आप लोगो को बहुत कुछ सीखने को मिलता है । सीमा और मीरा बहुत ही अच्छी दोस्त थी और दोनों...
आज मैं आप लोगो को एक ऐसे कहानी बता रहा हूँ जिसको सुनकर आप लोगो को बहुत कुछ सीखने को मिलता है । सीमा और मीरा बहुत ही अच्छी दोस्त थी और दोनों हमेशा कुछ न कुछ किया करती थी । अभी दोनों अपने कॉलेज में पढ़ाई कर रही है , एक दिन की बात है दोनों कॉलेज से आ रही थी तभी उनको एक बहुत ही बूढ़ा आदमी दिखाई दिया , दोनों ने सोचा चलो उनके पास जाकर कुछ पूछते है । फिर क्या था वो दोनों उस बूढ़े आदमी के पास जाकर बैठ गई और बोला बाबा आप कैसे हो ?
उस बूढ़े आदमी ने बोला – बेटा मैं तो सही हूँ आप लोग कैसे हो ?
दोनों ने एक साथ बोला – हम भी सही है ।
थोड़ी देर बाद दोनों ने कुछ बोला नहीं , लेकिन अगले ही पल सीमा ने पूछा – बाबा सच्चा प्यार सबको नसीब नहीं होता , इस बात में कितना हकीकत है ।
सीमा की बात सुनकर वह बूढ़ा आदमी मुस्कुराया और बोला आप को कभी प्यार हुआ है । सीमा ने बोला नहीं अभी तक तो नहीं हुवा है ।
फिर उस बूढ़े आदमी ने बोला यहाँ पास में एक बहुत बड़ा फूलों का बगीचा है आप दोनों लोग जाओ जो फूल सबसे सुन्दर लगे आप उसको तोड़ कर लेकर आना ।
फिर क्या था दोनों दोस्तों ने बाबा की बात मान कर फूलो के बगीचा में जाने का मन बना ही लिया । कुछ टाइम और बीता जब दोनों फूल के बगीचा में पहुंच गयी तो बहुत सारे फूल थे , दोनों ने करीब एक घंटा तक फूल के बागीचा में सबसे सुन्दर फूल ढूढ़ा लेकिन कुछ भी नहीं समझ नहीं आया । लेकिन कुछ देर बाद सीमा और मीरा को एक फूल बहुत पसंद आया , लेकिन दोनों ने सोचा कुछ टाइम बाद इसको देखेंगे थोड़ा और टाइम कुछ और फूल देख लू हो सकता है इससे भी ज्यादा सुन्दर फूल मिल जाये । दोनों आगे बढ़ गए , लेकिन थोड़े ही टाइम बाद दोनों ने सोचा चलो उसी फूल को तोड़ कर बाबा के पास चलते है ।लेकिन जब दोनों वापस आये तो देखा की वह फूल कोई और तोड़ लिया था । दोनों दोस्त बहुत ही निराश होकर उस बूढ़े आदमी के पास गयी और बोला बाबा हमको बहुत लम्बे टाइम के बाद एक फूल पसंद आया लेकिन उसको कोई और तोड़ ले गया ।
उनकी बात सुनकर वह बूढ़ा आदमी हसने लगा और बोला बेटा यही प्यार की हकीकत है , जो सामने होता है उसकी कदर नहीं होती और जब हम वापस आते है तो वह भी नहीं मिलता है , इसलिए सच्चा प्यार बहुत लोगो को नसीब नहीं होता है । जिन्दगी से प्यार करो खेलवाड़ नहीं ।
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