एक गांव में एक बहुत गरीब शाम और उसकी पत्नी शीला रहते थे। कुछ समय बाद उनका बच्चा होने वाला था। शीला अस्पताल में भर्ती थी। नर्स ने शाम को आकर ...
वह ज्यादातर लड़के को ही खिलाता था। शीला को यह बाद पसंद नहीं थी। एक दिन शाम अपनी पत्नी से बोला कि हम दो-दो बच्चों का खर्च नहीं उठा सकते। हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है । इसके अलावा लड़की लड़की की शादी में होने वाले खर्चे को भी हम नहीं उठा सकते। इसलिए हम लड़की को मेरे मित्र को सौंप देते है। जिसकी कोई संतान नहीं है। वह हमारी लड़की को हम से भी अच्छे से पालेगा क्योंकि वह बहुत अमीर है। शीला ने अपनी लड़की को देने से मना किया लेकिन शाम के कहने पर दुखी मन से उसने अपनी लड़की को शाम को सौंप दिया। शाम ने लड़की को अपने मित्र की बीवी को सौंप दिया। बच्चा पाकर वह बहुत खुश हुए।
इसके बाद समय बीतता गया शाम अपने लड़के को अच्छे से पाल रहा था और उसकी हर इच्छा को पूरा करता था। लड़का जब 20 वर्ष का हुआ तो उसने शाम से बाइक दिलाने की जिद्द की। शाम ने अपनी बीवी के गहने बेचकर उसको बाइक दिला दी। कुछ समय बाद उसने अपने लड़के के लिए खेत बेचकर एक दूकान खुलवा दी। जिससे वह कुछ कमाने लग गया। फिर कुछ समय बाद उसकी शादी भी करा दी।
शादी के बाद शाम के लड़के का व्यवहार बदल गया। वह अपने पिता से बोला आप मेरे ससुराल वालों को ताना मत मारा करो। रोज़ रोज़ वह किसी बात पर अपने माँ बाप से झगड़ा करता था। एक दिन उसने शाम और शीला दोनों को उन्ही के घर से निकाल दिया। बहुत समझाने पर भी वह नहीं माना। शाम और उसकी पत्नी एक मंदिर में गए। वहाँ पहुंच कर शीला ने शाम को कहा की मंदिर का प्रसाद खा लेते है।
जब पर प्रसाद ले रहे थे तो वहाँ पर शाम के मित्र की पत्नी आ गयी। उसने शाम को पहचान लिया। उसने अपनी उसी बेटी से शाम को मिलवाते हुए बताया कि यह वही है जिसको आपने 25 वर्ष पहले हमको सौंपा था।
आज यह एक डॉक्टर है और वृद्धाश्रम भी चलाती है। शाम और शीला अपनी बेटी से मिलकर बहुत खुश हुए और उनने अपनी सारी बात अपनी बेटी को बताई। इसके बाद वह बोली कि अब आप दोनों मेरे साथ ही रहेंगे। आप और कही नहीं जाएंगे । बेटा तो एक घर का नाम रोशन करता है । बेटियाँ तो दो -दो घरों के नाम रोशन करती है । किरपया बेटियों कि रीस्पेक्ट करे आदर ,सम्मान करे उनसे प्यार करे ।
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