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कंजूस सेठ -23

  एक बार बहुत धनी सेठ था। वह बहुत कंजूस था। उसके पास कोई भी नौकर ज्यादा दिन तक नहीं टिकता था क्योंकि वह काम पर रखने से पहले नौकर के सामने ती...

 एक बार बहुत धनी सेठ था। वह बहुत कंजूस था। उसके पास कोई भी नौकर ज्यादा दिन तक नहीं टिकता था क्योंकि वह काम पर रखने से पहले नौकर के सामने तीन शर्त रख देता था।

जिसको कोई भी पूरी नहीं कर पाता था। एक दिन सागर  नाम का एक लड़का सेठ के पास नौकरी मांगने आया। वह सेठ से बोला वह बहुत दूर से आया है  मुझे नोकरी पर रख लीजिय । सेठ बोला ठीक है मै तुमको नौकरी पर तो रख लूंगा लेकिन मेरी तीन शर्त है।

सागर  ने शर्त पूछी। सेठ बोला कि  तुमको दिन में या रात में जब भी में कोई काम बोलू तुमको वह करना पड़ेगा। दूसरी शर्त तुमको दिन में केवल एक बार ही भोजन मिलेगा। तीसरी शर्त यदि तुम खुद नौकरी छोड़ कर जाते हो तो तुमको मुझे एक साल का पैसा देना होगा।

सागर  सेठ की सारी शर्त मान गया। क्योंकि उसे काम की बहुत जरूरत थी । सेठ बहुत कंजूस  था। वह  सागर से  बहुत भारी भारी  काम करवाता था। और उसे सही खाने को भी नहीं देता । 

कुछ दिन तक ऐसा ही चलता रहा। । सागर ने  कुछ दिन बाद सेठ से नौकरी छोड़ने को बोला। सेठ ने उसको शर्त याद दिलाई। सागर  ने अपनी माँ के कंगन बेचकर सेठ को पैसे दिए और गांव लौट आया।

एक दिन गांव में सागर  को उसका दोस्त समीर  मिल गया। सागर ने समीर  से परेशानी का कारण पूछा तो सागर  ने सारी बात समीर  को बता दी। समीर  ने सारी बात सुनकर सेठ का पता पूछा और सागर  को चिंता न करने को कहा। समीर  उस सेठ के पास गया और उससे काम माँगा।

सेठ ने उसको वहीं तीन शर्त बताई। समीर  बोला सेठ जी मै तो आपकी तीन शर्त मानने के लिए तैयार हूँ लेकिन आपको भी मेरी एक शर्त को माननी  होगी । यदि आप मुझको नौकरी से निकालते है तो आपको मुझे एक साल की पगार देनी होगी। सेठ ने सोचा ऐसी नौबत नहीं आएगी और उसकी बात मान गया। समीर  कुछ दिन तक काम करता रहा। एक दिन सेठ समीर  को बोला जाकर गोदाम से एक बोरी लेकर आओ फिर उसमे ताला लगा देना।

उसने सेठ को सबक सिखाने की सोची उसने बोरी निकालने के बाद गोदाम का ताला बंद नहीं किया जिससे चोर उसकी सारी बोरी लेकर चले गए। सेठ ने अगले दिन समीर  से पूछा तो समीर  बोला उसने तो ताला लगाया था शायद चोर ताला भी तोड़ कर ले गए।

एक दिन सेठानी ने समीर  को बाजार से लकड़ी का गठर लाने को कहा। लकड़ी लाने के बाद समीर  ने पूछा यह लकड़ी का गठर कहाँ पर रखू। सेठानी ने गुस्से में बोला मेरे सिर पर रख दे। समीर ने ऐसा ही किया लकड़ी का गठर सेठानी के सिर पर रख दिया।सेठ ने सोचा ऐसी नौबत नहीं आएगी और उसकी बात मान गया। समीर  कुछ दिन तक काम करता रहा। एक दिन सेठ समीर  को बोला जाकर गोदाम से एक बोरी लेकर आओ फिर उसमे ताला लगा देना।

जिससे सेठानी चिल्लाई। सेठ ने आमिर  को नौकरी से जाने को कहा। समीर ने सेठ को शर्त याद दिलाई। सेठ उसको पैसे देने लगा तब समीर ने सेठ को सारी बात बता दी कि  वह अपने दोस्त सागर का बदला लेने के लिए यहाँ आया है।

उसने सेठ से सागर  के पैसे लौटाने को कहा। सेठ ने समीर  को सागर  के पैसे लौटा दिए। समीर ने गांव आकर सारे पैसे  सागर को दे  दिए। जिससे सागर  बहुत खुश हुआ । और सेठ को भी अक्कल आ गई । 

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